भोपाल । प्रदेश में अलग-अलग मौसम प्रणालियों के असर से हवाओं का रुख बदलने लगा है। हवाओं के साथ नमी आने के कारण बादल भी छाने लगे हैं। वहीं हवा की गति भी तेज हो गई है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में दिन के तापमान में गिरावट हुई।तापमान में आई उछाल से कुछ राहत भी मिल गई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा संभाग में अभी दो दिन तक गरज-चमक के साथ वर्षा होने की स्थिति बनी रह सकती है। हालांकि इस दौरान प्रदेश में रात के तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट भी हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके रायकवार ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर प्रदेश पर बना हुआ है। उसके असर से उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर एक प्रेरित चक्रवात भी बना हुआ है। दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश से लेकर तमिलनाडु तक एक द्रोणिका बनी है, जो विदर्भ, तेलंगाना से होकर जा रही है। इसके अलावा पश्चिमी जेट स्ट्रीम उत्तर भारत से लेकर मध्य प्रदेश तक 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर मौजूद है। उसमें 330 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। गुरुवार-शुक्रवार को उत्तर प्रदेश से लगे मध्य प्रदेश के ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है। उधर 24 फरवरी को एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आएगा। तब मध्य प्रदेश में विपरीत दिशा की हवाओं (पूर्वी-पश्चिमी) का संयोजन भी होने से 26 फरवरी के आसपास पूरे प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला शुरू हो सकता है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में हवा का रुख दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ है। हवाओं की रफ्तार भी 20 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक बना हुआ है। हवाओं के साथ नमी आने के कारण बादल भी छाने लगे हैं। इससे अधिकतम तापमान में गिरावट हुई है।