उज्जैन ।     महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आग लगने की घटना देश की बड़ी घटना है। टीम की जांच से पहले ही अब कुछ ऐसे फोटो सामने आए हैं, जिससे इस अग्निकांड की वजह नजर आने लगी है। कुछ लोग आरती से समय स्प्रेगन लेकर मौके पर खड़े देखे गए हैं, संभावना जताई जा रही है कि स्प्रेगन का प्रयोग ही अग्निकांड की वजह हो सकता है। विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में होली पर्व पर एक भीषण अग्निकांड हो गया था, जिसमें कुल 14 पंडित, पुजारी, सेवक और कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए थे। बाबा महाकाल की कृपा रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। घटना के बाद देश के प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया था। जबकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले में जल्द से जल्द दोषियो के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजिस्ट्रीयल जांच करने के निर्देश भी दिए थे। मजिस्ट्रियल टीम के जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीणा, एडीएम अनुकूल जैन और पुलिस अधिकारियो की टीम ने पूरे मामले की जांच शुरू करते हुए अग्निकांड के हर बिंदु पर विवेचना करना शुरू कर दिया, लेकिन मजिस्ट्रियल टीम की जांच रिपोर्ट के पहले ही अग्निकांड के फोटो और वीडियो इस बात की गवाही दे रहे हैं कि महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के नियम और निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा था। यही कारण रहा कि चांदी द्वार के पास कुछ लोग हाथो में स्प्रे गन लेकर पहुंच गए, जिन्हीं के कारण इतना बड़ा अग्निकांड श्री महाकालेश्वर मंदिर में हुआ है। मजिस्ट्रीयल टीम को अब सिर्फ और सिर्फ फोटो वीडियो के माध्यम से इन लोगों की पहचान करना है इसके बाद बाबा महाकाल के ऐसे उत्साही भक्त और होली के नाम पर स्प्रे और केमिकल युक्त गुलाल उड़ाने वाले आरोपी सभी के सामने सार्वजनिक हो जाएंगे। 

पिछले दो दिनों से श्री महाकालेश्वर मंदिर में मजिस्ट्रीयल टीम पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर होली पर्व पर बाबा महाकाल के गर्भगृह में लगी आग के कारणों का पता लगाने में जुटी हुई है। इसके लिए टीम ने अब तक गुलाल के सैंपल लैबोरेट्री भेजने के साथ ही लगभग दो दर्जन से अधिक लोगों के बयान दर्ज कर लिए हैं। मुंबई से आए फॉरेंसिक फायर विशेषज्ञ निलेश उकुंडे भी आग के कारणों का पता लगा रहे हैं। मजिस्ट्रीयल टीम अग्निकांड के हर बिंदु पर जांच करने में जुटी हुई है और घटना के समय के फोटो वीडियो को बारीकी से बार-बार देखा जा रहा है। गुरुवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज सिंह को यह टीम जांच रिपोर्ट पेश कर सके। मजिस्ट्रीयल टीम कलेक्टर नीरज सिंह को जांच का प्रतिवेदन भले ही गुरुवार को पेश करेगी, लेकिन टीम द्वारा अब तक की गई जांच में जुटाए गए सबूत के आधार पर ही यही कहा जा सकता है कि होली पर हुई भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के गर्भगृह के बाहर कुछ ऐसे लोग उपस्थित थे जो कि अपने साथ केमिकल युक्त गुलाल ही नहीं बल्कि छोटी स्प्रे गन भी ले गए थे जिन्होंने इस स्प्रे गन और केमिकल युक्त गुलाल का कपूर आरती के दौरान चलाया और इतना बड़ा भीषण अग्निकांड हो गया। 

सुरक्षाकर्मियों को क्यों नजर नहीं आए स्प्रे गन...?

विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के मंदिर में होली पर्व पर जो श्रद्धालु मंदिर में भस्म आरती देखने पहुंचे थे उन सभी श्रद्धालुओं से सुरक्षाकर्मियों ने साथ ले गए रंग गुलाल को मंदिर के बाहर ही रखवा दिया था लेकिन इसे सुरक्षा में चूक ही कहा जाएगा कि इन सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धालुओं की 50-50 ग्राम की गुलाल की पुड़िया तो नजर आ गई लेकिन स्प्रे गन कहीं दिखाई नहीं दी। चांदी द्वार के बाहर और चांदी द्वार के पास कुछ श्रद्धालु स्प्रे गन लेकर बैठे रहे और उन्होंने आरती के दौरान इसका प्रयोग किया जिससे कि यह अग्निकांड घटित हो गया। 

दोषी कोई भी हो होगी कार्रवाई - कलेक्टर

इस पूरे मामले में कलेक्टर नीरज सिंह का कहना था कि गुरुवार को मजिस्ट्रीयल टीम द्वारा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, उसके बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।