रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के स्कूलों में वर्षाें से व्याख्याता पद पर काम कर रहे शिक्षकाें के लिए खुशखबरी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने उन्हें व्याख्याता से प्राचार्य के पद पर पदोन्नति देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। लोक शिक्षण संचालनालय ने व्याख्याता और प्रधानपाठकों को प्राचार्य के पद पर पदोन्नत करने से पहले सभी की गोपनीय चरित्रावली और अचल संपत्ति की जानकारी मांगी है। इसके लिए संयुक्त संचालकों को निर्देश जारी किया है। शिक्षकों की वर्ष 2018 से 2022 तक की गोपनीय चरित्रावली जमा करना अनिवार्य है। इसी के आधार पर पदोन्नति हो सकेगी।

व्याख्याता से प्राचार्य पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू, निर्देश हुआ जारी

बतादें कि नईदुनिया ने सात अप्रैल 2023 को ''''तीन हजार से अधिक स्कूल प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे'''' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें हमने मुद्दा उठाया था कि कोर्ट के आदेश के बाद भी विभाग पदोन्नति की प्रक्रिया नहीं कर रहा है। आखिरकार विभागीय अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेकर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

यह है मामला

हाईकोर्ट ने नौ मार्च 2023 को पूर्व स्थिति में प्राप्त पदोन्नति के प्रस्ताव के आधार पर इस अवधि में सेवानिवृत्त हुए व्याख्याताओं को भी पात्रता के आधार पर प्राचार्य के पद पर पदोन्नति देकर वरिष्ठता देने के लिए निर्देश दिया था। इसके बाद भी अधिकारियों ने पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू नहीं की थी।

गौरतलब है कि प्रदेश में ई-संवर्ग के प्राचार्य के 3,900 और टी- संवर्ग 1,300 प्राचार्य के पद रिक्त हैं। इन स्कूलों में प्रभारी प्राचार्य के भरोसे ही व्यवस्था चल रही है। जानकारी के अनुसार ई-संवर्ग के व्याख्याताओं की पदोन्नति 2016 में हुई थी जबकि टी-संवर्ग के व्याख्याताओं की पदोन्नति आखिरी बार 2003 में हुई थी। दो दशक बाद टी-संवर्ग में पदोन्नति होने जा रही है।

लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक सुनील कुमार जैन ने कहा, व्याख्याता से प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने के लिए जो भी जरूरी जानकारी है वह मांगी है। जल्द ही प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।