भोपाल । वाहनों में हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगाए जाने को लेकर परिवहन विभाग द्वारा की जा रही सख्ती आने वाले दिनों में नजर नहीं आएगी। बस संचालकों के बाद परिवहन विभाग ने भी इसे अनिवार्य करने के लिए छह माह का अतिरिक्त समय मांगा है। हालांकि अगर कोर्ट इसे स्वीकार नहीं करती है तो सख्ती जारी भी रह सकती है।
उल्लेखनीय है कि जबलपुर हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई पर परिवहन विभाग को आदेश दिया था कि प्रदेश में सभी वाहनों पर एचएसआरपी अनिवार्य रुप से लगाई जाए। अप्रैल 2019 से केंद्र के आदेश पर वाहन निर्माता कंपनी और डीलर्स ही वाहनों पर नंबर प्लेट लगाकर दे रहे हैं, लेकिन इससे पहले के वाहनों पर यह प्लेट लगवाने के लिए परिवहन विभाग ने 15 जनवरी तक का समय दिया था। लेकिन प्रदेश में लाखों की संख्या में वाहनों पर प्लेटें ना लगी होने के कारण और इतनी अधिक मात्रा में प्लेटों की सप्लाय भी ना हो पाने के कारण पहले बस संचालकों ने इसके विरोध में कोर्ट में याचिका लगाते हुए छह माह का अतिरिक्त समय मांगा था। वहीं अब परिवहन विभाग ने भी कोर्ट में छह माह का अतिरिक्त समय मांगा है। इसे देखते हुए लग रहा है कि परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस द्वारा जिस सख्ती की बात की जा रही थी वह अब नजर नहीं आएगी। हालांकि परिवहन विभाग ने एक माह से सभी वाहनों के ट्रांसफर, फिटनेस और परमिट जैसे कामों के लिए एचएसआरपी को अनिवार्य कर दिया है। हो सकता है अगर कोर्ट से छूट मिलती है तो इन मामलों में भी छूट जारी कर दी जाए। हालांकि दूसरी ओर अगर कोर्ट इस मामले पर सख्त रहते हुए अतिरिक्त समय नहीं देती है तो सख्ती जारी रह सकती है और जल्द ही सडक़ों पर भी बिना एचएसआरपी लगे वाहनों पर कार्रवाई का अभियान भी शुरू हो सकता है। अधिकारियों ने बताया कि देश में सिर्फ दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में ही ज्यादातर वाहनों में एचएसआरपी लगी है, शेष राज्यों में इसका प्रतिशत बहुत कम है। इसलिए इसके लिए थोड़ा और वक्त मिलना चाहिए।