भोलेनाथ जिन्हें न केवल देवों के देव महादेव कहा जाता है, बल्कि इन्हें समस्त देवी-देवताओँ में से सबसे भोले-भाले माना जाता है. यही कारण है कि ये अपने भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर उनकी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. बता दें हिंदू धर्म ब्रह्मा जी को इस सृष्टि के रचनाकार, विष्णु जी को पालनकर्ता कहा गया है. वहीं भोलेनाथ को सहांर के देवता का दर्जा प्राप्त है. शिव पुराण के साथ-साथ हिंदू धर्म के अन्य शास्त्रों में भी महाकाल से जुड़े कईं रहस्य बताए गए हैं, जो न केवल दिलचस्प हैं बल्कि हैरान जनक भी हैं. आज हम आपको इसी कड़ी में शिव जी के एक ऐसे प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं,जो प्राचीन तो है ही बल्कि साथ ही साथ अपने आप मे बेहद विशेष है.

उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में भूतेश्वर मंदिर लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है. कहा जाता है कि भूतेश्वर मंदिर भूतों का मंदिर था, जहां आज बाबा भोलेनाथ की पूजा होती है. लगभग 550 साल पुराना यह मंदिर रहस्य से भरा हुआ है कि, आखिर इस मंदिर का निर्माण किसने कराया था. जबकि कुछ लोग इसे भूतों का मंदिर कहते हैं. बुलंदशहर के प्रसिद्ध मंदिर को लेकर भक्तों का मानना है कि यहां विराजमान बाबा भूतेश्वर सबकी मनोकामनाओं को शीघ्र पूरा करते हैं. खास तौर पर सावन के महीने में यहां श्रद्धालु दूर-दूर से बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए आते हैं.

दर्शन मात्र से पूर्ण होती है मनोकामना


स्थानीय लोगों का कहना है कि इसका निर्माण भूतों ने करवाया था. खास बात तो ये है कि इस मंदिर को बनवाने के लिए सालों साल का समय नहीं बल्कि इसे रातों रात बनवाया गया था. जिस कारण इस स्थल का नाम भूतेश्वर महादेव मंदिर पड़ा और अब लोग यहां अपनी मन्नत मांगने के लिए आते हैं और भोले बाबा के दर्शन करने के बाद लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. बता दें भूतेश्वर का अर्थ है भूतों के ईश्वर कहा जाता है, फिलहाल भूतेश्वर बाबा के दर्शन करने के लिए हजारों लोग मंदिर में आते हैं और मंदिर की चौखट पर माथा टेकने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

स्थानीय लोगों का है अटूट विश्वास


स्थानीय लोगों को भूतेश्वर महादेव में अटूट विश्वास है, उनका मानना है कि भूतेश्वर बाबा किसी की भी मनोकामना को व्यर्थ नहीं जाने देते हैं. सभी भक्त बाबा मंदिर की दहलीज से प्रसन्न होकर जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण हो जाने के बाद बाबा को खुर्जा की खुरचन चढ़ाते हैं. भूतेश्वर महादेव मंदिर में रोजाना सुबह 5 बजे महादेव की आरती होती है, जिसमें सैकड़ों भक्त शामिल होते हैं. यह नजारा बेहद अद्भुत व भव्य होता है क्योंकि यहां हर हर महादेव हर-हर शंभू शिवा महादेवा की गूंज सुनाई देती है. यहां के लोगों का प्रयास रहता है कि महादेव की आरती में जरूर शामिल हो सकें.

मंदिर के अंदर है तीन शिवलिंग

भूतेश्वर मंदिर के महंत लक्ष्मण गिरि का कहना है कि यह भूतेश्वर मंदिर लगभग 550 साल पुराना मंदिर है, दूर-दूर से लोग यहां पूजा करने के लिए आते हैं. इस मंदिर के अंदर तीन शिवलिंग है जबकि वह छठवीं पीढ़ी इस मंदिर के अंदर महंत है उनकी पांच पीढ़ियों ने इस मंदिर की सेवा की थी. वही भूतों को लेकर कहा कि यह लोगों की अफवाह है ऐसा कुछ नहीं है. यह बाबा भोलेनाथ का प्रसिद्ध भूतेश्वर मंदिर है. इस मंदिर के अंदर सुबह शाम आरती की जाती है और बाबा भोलेनाथ को मनाने के लिए उनकी शिवलिंग पर जल चढ़ाकर लोग अपनी मन्नत मांगते हैं.