बिहार के छपरा में ऐतिहासिक स्थलों की कमी नहीं है. छपरा का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है. रिविलगंज का यह इलाकागौतम ऋषि का क्षेत्र माना जाता है. गौतम ऋषि आश्रम से कुछ दूरी पर नाथ बाबा का प्रसिद्ध गंगा घाट है, जो जिला के सुरक्षित घाटों में से एक है. यहां मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने के लिए छपरा ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से भी श्रद्धालु आते हैं.
सारण के सबसे प्रसिद्ध गंगा घाटों में से एक रामघाट है. यह गंगा घाट बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है. इस घाट पर भी गंगा स्नान के लिए बिहार सहित उत्तर प्रदेश से भी लोग आते हैं. यहां लोगों की अत्यधिक भीड़ को देखते हुए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहता है. गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इसके लिए घाट पर कई प्रकार की व्यवस्था की गई है. यहां भी मकर संक्रांति पर लोगों की भीड़ जुटती है.
शक्तिपीठों में शुमार होता है सारण जिला स्थित अंबिका भवानी मंदिर. यह मंदिर गंगा नदी के किनारे अवस्थित है. इसलिए यहां के गंगा घाट को लोग अंबिका भवानी घाट के नाम से जानते हैं. इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. यहां लोग गंगा स्नान कर मां अंबिका भवानी की पूजा-अर्चना करते हैं. प्रमुख त्योहारों के दौरान यहां गंगा स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. यहां भी जिला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किया जाता है.
सारण जिला के सोनपुर में ही गजग्रह हुआ था. यहां का इतिहास काफी पुराना है. सारण जिला के सुरक्षित घाटों में से एक है बाबा हरिहरनाथ गंगा घाट. यहां सारण छपरा के अलावा हाजीपुर से भी लोग गंगा स्नान करने के लिए पहुंचते हैं. वही गंगा स्नान कर श्रद्धालु हरिहरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी करते हैं. यहीं, पर विश्व प्रसिद्ध पशु मेला भी लगता है.
सारण जिला के प्रसिद्ध गंगा घाट की हम बात करें तो प्रसिद्ध घाटों में छपरा शहर से सेट पूर्वी छोड़ पर स्थित डोरीगंज का बंगाली बाबा का घाट भी शुमार होता है. यहां शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी गंगा स्नान करने के लिए पहुंचते हैं. मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालुओं लिए यहां उत्तम व्यवस्था रहती है. यह घाट गोताखोर, पुलिस, स्थानीय प्रशासन, सीसीटीवी कैमरे से लैस होता है.