प्रदेश में बसों की निगरानी के लिए परिवहन विभाग की नई व्यवस्था लागू

भोपाल: बाणगंगा चौराहा हादसे से सबक लेते हुए परिवहन विभाग ने प्रदेश में बसों की निगरानी के लिए नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। हादसे में जिस बस में महिला डॉक्टर की मौत हुई, उसके पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं था। अब ऐसी लापरवाही रोकने के लिए सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया जा रहा है, जिसकी कमान भोपाल में बने कंट्रोल रूम से होगी। यह कंट्रोल रूम भोपाल में परिवहन आयुक्त के कैंप कार्यालय में बनाया जा रहा है, जहां से पूरे मध्य प्रदेश में बसों की फिटनेस, परमिट, पीयूसी और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) पर नजर रखी जाएगी। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने बताया कि इस सिस्टम की जिम्मेदारी एआरटीओ स्तर के अधिकारियों को दी गई है। पूरे प्रदेश से जुटाया जा रहा है डाटा: पूरे प्रदेश से रजिस्टर्ड 57 हजार बसों की जानकारी जुटाई जा रही है। इसमें बसों के रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस, पीयूसी और वीएलटीडी की स्थिति शामिल है। यह सारा डाटा कंप्यूटर में फीड कर एनालिटिकल सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा, जो दस्तावेजों की वैधता समाप्त होने से पहले ही अलर्ट भेज देगा।
अलर्ट सिस्टम पहले ही देगा सूचना
सिस्टम में अलर्ट फीचर जोड़ा गया है, जो किसी भी दस्तावेज की वैधता समाप्त होने से 7 दिन पहले कंट्रोल रूम स्क्रीन पर अलर्ट दिखाएगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी बस का परमिट 15 तारीख को समाप्त हो रहा है, तो 8 तारीख से अलर्ट दिखना शुरू हो जाएगा। चिन्हित बसों की सूचना संबंधित जिले के आरटीओ को भेजी जाएगी, जो बस मालिक को नोटिस जारी कर दस्तावेज अपडेट करने को कहेगा। निर्धारित समय तक दस्तावेज अपडेट नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
परियोजना तीन चरणों में क्रियान्वित की जाएगी
- पहला चरण: 26 हजार शैक्षणिक बसें
- दूसरा चरण: 20 हजार यात्री बसें
- तीसरा चरण: औद्योगिक संस्थानों की 11 हजार बसें
भोपाल आरटीओ का नया प्रभार
बाणगंगा हादसे के बाद भोपाल आरटीओ रहे जितेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया गया था। उनकी जगह सीहोर के जिला परिवहन अधिकारी रितेश तिवारी को भोपाल आरटीओ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। साथ ही निलंबन के बाद खाली हुए नरसिंहपुर जिला परिवहन अधिकारी का प्रभार जबलपुर की संभागीय उप परिवहन आयुक्त रमा दुबे को दिया गया है। सचिव परिवहन विभाग मनीष सिंह ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किए।
हर जिले से पंजीकृत बसों की जानकारी मांगी जा रही है। इसमें रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस, पीयूसी की वैधता और वीएलटीडी की स्थिति शामिल है। सारा डाटा कंप्यूटर में फीड कर एनालिटिकल सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा। तीन चरणों में शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट के पहले चरण की मॉनिटरिंग इसी महीने के अंत तक शुरू हो जाएगी।परिवहन विभाग 57 हजार बसों की जानकारी मंगवा रहा है, बस की फिटनेस खत्म होने पर आरटीओ को बताएगा
नोटिस से पहले अलर्ट
अलर्ट सिस्टम में बस के चिह्नित होते ही उसका डाटा संबंधित जिले के आरटीओ को भेज दिया जाएगा। वहां से बस मालिक को नोटिस भेजकर समय रहते दस्तावेज अपडेट करने को कहा जाएगा। तय समय तक अपडेट नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।
कैसे काम करेगा सिस्टम: डिप्टी टीसी किरण शर्मा ने बताया कि सॉफ्टवेयर में ऐसा अलर्ट सिस्टम होगा, जो किसी भी दस्तावेज की वैधता समाप्त होने से 7 दिन पहले स्क्रीन पर सूचना ब्लिंक कर देगा। उदाहरण के लिए अगर किसी बस का परमिट 15 तारीख को समाप्त हो रहा है, तो 8 तारीख से ही कंट्रोल रूम में अलर्ट आना शुरू हो जाएगा।
बाणगंगा चौराहा पर अनफिट बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद खाली हुए भोपाल आरटीओ के पद का प्रभार रितेश तिवारी को सौंप दिया गया है। अभी तक वे जिला परिवहन अधिकारी सीहोर थे। अब उन्हें भोपाल क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। उनका मूल पद सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी है।
तीन दिन पहले बाणगंगा चौराहा पर हुए हादसे के बाद भोपाल संभागायुक्त संजीव सिंह ने भोपाल आरटीओ रहे जितेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया था। तब जितेंद्र शर्मा के पास नरसिंहपुर जिले के आरटीओ का अतिरिक्त प्रभार भी था। उनके निलंबन आदेश के बाद नरसिंहपुर जिला परिवहन अधिकारी का पद भी खाली हो गया था। इसलिए जबलपुर कार्यालय संभागीय उप परिवहन आयुक्त रमा दुबे को नरसिंहपुर जिला परिवहन अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने गुरुवार को आदेश जारी किए हैं।