छ्त्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव प्रदेश के डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बुधवार देर शाम इसकी घोषणा की। इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठक के बाद टीएस सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा में कहा था कि प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने का अभी कोई सवाल नहीं है। सिंहदेव को डिप्‍टी सीएम बनाए जाने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया। उन्‍होंने ल‍िखा कि हैं तैयार हम.महाराज साहब को उपमुख्यमंत्री के रूप में दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकामनाएंं। राज्य गठन के बाद पहली बार किसी नेता को उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

चुनाव को लेकर बैठक में मंथन

इससे पहले दिल्ली में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ छत्तीसगढ़ के नेताओं की बैठक में विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव काे लेकर मंथन किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश के नेताओं के साथ करीब तीन घंटे तक चुनावी तैयारियों को लेकर चर्चा की।

राज्य सरकार के कामकाज को लेकर चुनाव लड़ा जाएगा

कांग्रेस के आला नेताओं की मानें तो बैठक में तय किया गया कि राज्य सरकार के कामकाज को लेकर चुनाव लड़ा जाएगा। वर्ष 2018 की तर्ज पर इस चुनाव में भी सामूहिक नेतृत्व रहेगा। साथ ही लोकसभा चुनाव में भूपेश सरकार के मंत्री और वरिष्ठ विधायकों को उम्मीदवार बनाया जाएगा।

छत्‍तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें

बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ हर संभाग के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया था। प्रदेश में लोकसभा की 11 सीट है, जिसमें पिछले चुनाव में कांग्रेस की दो सीट पर जीत हुई थी।बस्तर लोकसभा क्षेत्र में 20 साल बाद कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि कोरबा लोकसभा क्षेत्र में राज्य गठन के बाद हुए तीन चुनाव में कांग्रेस को दो बार 2009 और 2019 जीत मिली है। इसके अलावा महासमुंद और दुर्ग लोकसभा सीट में एक-एक बार कांग्रेस को जीत मिली है।

बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष मरकाम ने कहा कि प्रदेश सरकार की विकास योजनाओं द्वारा जनता और युवाओं के जीवन में आ रहे बदलावों तथा आगामी चुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हुई है।

भाजपा की नकारात्मक राजनीति के खिलाफ लड़ेंगे: सैलजा

बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने करीब नौ मिनट तक मीडिया से चर्चा की और बैठक का ब्यौरा पेश किया। सैलजा ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को छत्तीसगढ़ की स्थिति के बारे में बताया गया है। कांग्रेस सरकार आगे क्या करने जा रहे है, उन सब बातों का विस्तार से विचार किया गया। सभी ने सकारात्मक रुख अपनाकर सुझाव दिए कि अगले चार महीनों में हम कैसे काम करेंगे। बैठक में सामाजिक, भौगोलिक स्थिति पर चर्चा हुई और सभी ने अपना योगदान देने का निर्णय लिया।

सीएम ने दी फीडबैक की जानकारी

मुख्यमंत्री बघेल ने सरकार की योजनाओं और भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत मिले फीडबैक की जानकारी दी है। वहीं संगठन के कार्यक्रमों के बारे में प्रदेश अध्यक्ष मरकाम ने अपनी रिपोर्ट दी है। सैलजा ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने से जनता के बीच में सकारात्मक वातावरण है। इसे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाएगा। छत्तीसगढ़ में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा, जैसे हमने 2018 के विधानसभा चुनाव को लड़ा था। हम भाजपा की नकारात्मक राजनीति के खिलाफ लड़ेंगे। भाजपा का काम धार्मिक एजेंडा चलाना है, लेकिन हम उसे चलने नहीं देंगे। भाजपा ट्रैप कर फंसाने की कोशिश करती है, लेकिन झूठे और फालतू एजेंडों में कोई फंसने वाला नहीं है। जनता भाजपा और केंद्र सरकार की सच्चाई को जान चुकी है।

वरिष्ठ नेताओं के साथ केंद्रीय नेताओं ने किया मंथन

बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा के साथ ही छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष, डा. चरणदास महंत, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री ताम्रध्वज साहू, टीएस सिंहदेव, मो. अकबर, कवासी लखमा, जय सिंह अग्रवाल, वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेन्द्र साहू, सह-प्रभारी विजय जांगिड़, प्रभारी सचिव चंदन यादव और सप्तगिरी उल्का शामिल हुए।

सीएम का चेहरा बदलने का सवाल नहीं: बोले थे सिंहदेव

उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले सिंहदेव ने कहा कि था सर्वेक्षणों और मीडिया रिपोर्टों से हमें बहुत सकारात्मक रिपोर्ट मिल रही है। हमने पिछले साढ़े चार साल में जो किया है, उस पर चुनाव लड़ेंगे। 2018 में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़़ा गया, जिसका परिणाम बेहतर आया था। इस साल भी हम सामूहिक नेताओं के आधार चुनाव लड़ेगे, क्योंकि इसमें टीम को कोई भी लीड कर सकता है। कांग्रेस पार्टी स्वयं एक चेहरा है। मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने का कोई सवाल ही नहीं है। यहां बता दें कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री के ढाई-ढाई साल की चर्चा थी। हालांकि कुछ दिनों पहले ही सिंहदेव ने कहा कि इस बार उनकी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। इसके बाद देर रात उन्‍हें उपमुख्‍यमंत्री बना दिया गया।