बसंत पंचमी पर करें बादाम की माला का अचूक उपाय, चट मंगनी पट ब्याह के बनेंगे योग!
बसंत पंचमी पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन हिंदू धर्म के 16 में से 14 संस्कार पूर्ण कराए जाते हैं. इस दिन श्रेष्ठ मुहूर्त होता है. ऐसे में अगर किसी जातक के विवाह में कोई परेशानी आ रही है तो माता सरस्वती का मात्र एक उपाय शादी का संयोग बना सकता है. इसके लिए आपको बादाम की जरूरत पड़ेगी. साथ ही मां सरस्वती की एक ऐसी प्रतिमा तलाशनी होगी, जो किसी ऊंचे आसन पर बैठी हों, लेकिन प्रतिमा के पांव जमीन पर न छू रहे हों.
सागर के इतवारा बाजार में स्थित सरस्वती मंदिर के पुजारी पंडित यशोवर्धन चौबे बताते हैं कि बसंत पंचमी के दिन 108 मनकों वाली बादाम की माला बनाकर मां सरस्वती की प्रतिमा (जो बैठी हो पर पांव भूमि पर न हों) को सच्चे मन से समर्पित करनी होगी. इसके बाद रुकावटों को दूर करने के लिए मां से प्रार्थना करनी होगी. मान्यता है कि इस उपाय के बाद ‘चट मंगनी पट विवाह’ के योग बनेंगे. पंडित जी ने बताया कि इस उपाय का उल्लेख सोनक कल्प नाम की संहिता में भी मिलता है.
दूर होंगी शादी की रुकावटें
संहिता के अनुसार, बादाम की माला का उपाय विवाह संस्कार के लिए है. कई जातकों के विवाह में कई प्रकार की रुकावटें आती हैं. जैसे कुंडली नहीं मिल रही है, नाड़ी दोष हो जा रहा है, वर्ण विकास नहीं हो रहा, घर मैत्री नहीं आ रही है, पितृ दोष समानुभाव में है. कई प्रकार की बातें आती हैं. उन सब का शमन करने के लिए समाधान रूप में माता को बादाम की यह माला विशेष रूप से निवेदन करते हुए समर्पित की जाती है.
यहां मिलेगी ऐसी प्रतिमा
पंडित चौबे बताते हैं कि मां प्रतिमा की ऐसी प्रतिमा जो किसी ऊंचे आसन पर बैठी मुद्रा में हो, लेकिन पांव जमीन पर छुएं, सागर स्थित सरस्वती मंदिर में है. यहां माला को समाहित करने के लिए समय और मूर्ति का विशेष ध्यान रखा जाता है. सूर्य अस्त होने से पहले इस माला को माता को समर्पित करना होता है. भूल कर भी बादाम की माला, खड़ी प्रतिमा, माता के छाया चित्र, फोटो, नामावली पर न चढ़ाएं. क्योंकि, यह श्रद्धा का विषय है, उपहास का विषय नहीं है. विश्वास का विषय है, इसलिए उपहास के रूप में माला समाहित न करें.
आचार्य के माध्यम से देवी से प्रार्थना करें
साथ ही आपका जो विषय है या मनोकामना है, वह माला लेकर मंदिर जा रहे हैं तो वहां के आचार्य या पुजारी के सामने माता-पिता की तरह विषय रखें. उन्हें बताएं कि वह क्या चाह रहे हैं और प्रार्थना करते हुए माता से निवेदन करें कि उनका कार्य पूर्ण हो जाए. पूरे श्रद्धा भाव से माता को बादाम की माला समाहित करने से अवश्य ही आपके विवाह संस्कार में जो विघ्न-बाधाएं आ रही हैं, वह दूर हो जाएंगी.