रायपुर । पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विष्णुदेव साय राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। आज यहां भाजपा विधायक दल की बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया। जिसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
भाजपा के नव निर्वाचित विधायकों की बैठक रविवार दोपहर आहूत की गई। जिसमें भाजपा विधायक दल के नेता का चयन करने रायशुमारी की गई। विधायक दल से चर्चा के उपरांत पर्यवेक्षकों ने केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया। इसके उपरांत विष्णुदेव साय के नाम की घोषणा कर दी गई।
प्रदेश भाजपा मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में आयोजित बैठक में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री द्वय अर्जुन मुंडा व सर्वानंद सोनोवाल तथा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम, भाजपा संगठन व चुनाव प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री व चुनाव सह प्रभारी डॉ. मनसुख मांडविया, भाजपा संगठन सह प्रभारी नितिन नबीन, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी सहित सभी नवनिर्वाचित विधायक उपस्थित रहे। विदित है कि हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 54 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर प्रचण्ड बहुमत हासिल किया है।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री पद की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह के नाम सुर्खियों में थे। भाजपा ने सरगुजा संभाग की सभी सीटों पर कमल खिलाया है। इस लिहाज से विष्णुदेव साय के नाम को प्रधानता दी गई। वैसे विष्णुदेव साय को पार्टी की हर आज्ञा का समर्पण के साथ पालन करने का भी पुरस्कार मिला है। जब छत्तीसगढ़ भाजपा की कमान अरुण साव को दी गई थी, तब विष्णुदेव साय को संगठन की जिम्मेदारी से पृथक किया गया था।
-पहली बार आदिवासी मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़ में भाजपा ने आखिरकार पहली बार आदिवासी मुख्यमंत्री बना दिया है। सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह भी यही चाहते थे। पार्टी है कमान ने डा. रमन से उनकी पसंद पूछ कर पहले ही को हिंट कर दिया था। और विधायक दल की बैठक से पहले पर्यवेक्षकों,
प्रदेश प्रभारियों, चुनाव संचालकों के साथ डा. रमन और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव की मौजूदगी में पहले ही रायशुमारी कर ली गई थी। फिर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के पास ऊपर से एक फोन आया और विधायकों के सामने विष्णुदेव साय के नाम का ऐलान कर दिया गया।

-एक कॉल आया और विष्णु देव साय का प्रस्ताव रखा गया
तीनों पर्यवेक्षकों ने अलग-अलग कमरों में विधायकों से वन टू वन बात की। इसके बाद विधायक दल की बैठक शुरू हुई। इसी दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष डॉ. रमन सिंह के पास एक कॉल आया और डॉ. रमन कमरे से बाहर जाकर की बात। बात करने के बाद लौटकर पर्यवेक्षकों से चर्चा कर है कि यह फोन दिल्‍ली से आया था। जिसके बाद पर्यवेक्षकों ने विष्णुदेव साय के नाम का प्रस्ताव मुख्‍यमंत्री पद के लिए रखा। जिसके बाद डॉ. रमन सिंह और कोंडागांव से विधायक लता उसेंडी ने इस प्रस्‍ताव का अनुमोदन किया और विधायक बृजमोहन अग्रवाल सहित अन्‍य विधायकों ने इस प्रस्‍ताव का समर्थन किया। इसके साथ ही तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज के साथ विष्णुदेव  साय भाजपा विधायक दल के नेता और मुख्यमंत्री चुन लिए गए।

- सरकार बनाने पेश किया दावा
भाजपा विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मिलने के बाद राजभवन पहुंचकर मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया।

-पंच पद से सियासी सफर की शुरुआत
विष्णु देव साय  ने 1989 से अपनी राजनैतिक कैरियर की शुरुआत की। वे पहली बार वे ग्राम पंचायत में वार्ड पंच बने। फिर 1990 में बगिया पंचायत के निर्विरोध सरपँच चुने गए। 1998 तक तपकरा विधानसभा सीट से 26 साल की उम्र में तत्कालीन मध्यप्रदेश की विधानसभा में विधायक चुने गए। विष्णुदेव साय रायगढ़ से 4 बार (1999 से 2014 तक) सांसद चुने गए और नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साय ने केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया। वर्ष 2020 से 2022 तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहे। 2023 के विधानसभा चुनाव में कुनकुरी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज को 25 हजार 787 मतों से पराजित कर पुन: विधायक बने।

- सिंह देव ने दी शुभकामनाएं
विष्णु देव साय के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री चुने जाने पर कांग्रेस नेता टी.एस. सिंह देव ने  उन्हें शुभकामनाएं दी और कहा की अब वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगे। हम उम्मीद करेंगे कि सरगुजा के साथ ही पूरे छत्तीसगढ़ के विकास के लिए वे कार्य करेंगे और विकास की दृष्टि से जो क्षेत्र पीछे रह गए हैं उन्हें प्राथमिकता देंगे।