बदरीनाथ धाम में अलकनंदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सोमवार दोपहर बाद नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। तप्तकुंड से मात्र छह फीट नीचे पर नदी का पानी पहुंच गया है। इससे यहां नारद शिला और वारहशिला पानी में डूब चुके हैं। पुलिस ने पूरे धाम में यात्रियों व स्थानीय लोगों को अनाउंस कराकर अलर्ट करा दिया है। साथ ही तत्पकुंड को भी खाली करा दिया गया है। ऊपरी क्षेत्रों में हो रही बारिश से पिछले कुछ दिनों से अलकनंदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सोमवार को बदरीनाथ धाम में अलकनंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। देखते ही देखते पानी तप्तकुंड के पास बहने लगा। शाम साढ़े छह बजे तक तप्तकुंड से मात्र छह फीट नीचे पर अलकनंदा नदी बह रही है। जबकि सामान्य दिनों में अलकनंदा तत्पकुंड से करीब 15 फीट नीचे बहती है। नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद पुलिस ने धाम में माइक से मुनादी कर लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे न जाएं। साथ ही तप्तकुंड को भी खाली करा दिया है। पुलिस की गाड़ी लगातार अनाउंस कर रही है। बदरीनाथ कोतवाली प्रभारी नवनीत भंडारी ने बताया कि धाम में नदी का जलस्तर ज्यादा हो गया है। रात में पानी और बढ़ने की आशंका को देखते हुए तप्तकुंड को खाली करा दिया है। धाम में लगातार माइक से अनाउंस किया जा रहा है कि कोई भी नदी किनारे न जाएं। उधर, अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों के लिए बनाया गया वैकल्पिक मार्ग बह गया है। जिससे इस क्षेत्र में रिवर फ्रंट का कार्य बंद हो गया है। यहां पर कंपनी की कुछ मशीनें भी फंसी हुई हैं। कार्यदायी संस्था की ओर से यहां पर वैकल्पि मार्ग तैयार किया जा रहा है। कार्यदायी संस्था गावर कंपनी के सीनियर मैनेजर रविंद्र सोढ़ी ने बताया कि नदी किनारे जो वैकल्पिक मार्ग बनाया गया था वह बह गया है। दूसरी जगह से वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा है। जिससे यहां पर रिवर फ्रंट का कार्य शुरू किया जा सके।