नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का खात्मा हो गया। रविवार शाम दोनों गैंगस्टर भाइयों को दफना दिया गया। अब इस अपराध की कहानी के अंत के साथ ही कई और सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर तीन युवाओं ने मिलकर इस घटना को अंजाम कैसे दे दिया? उनके पास तुर्की में बनी पिस्टल कैसे पहुंची? कहा जा रहा है कि इस घटना के साथ ही पुलिस की जांच का दायरा बढ़ने के भी आसार हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले में सुपारी की बात से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने अतीक के साथ अपने संबंध सामने आने और राज खुलने के डर से शूटर्स को 10-10 लाख रुपए दिए थे। हालांकि, पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इसे लेकर कुछ नहीं कहा है। एक रिपोर्ट्स के अनुसार लॉरेंस बिश्नोई गैंग को जिगाना पिस्टल के इस्तेमाल के लिए जाना जाता है। अतीक और अशरफ की हत्या भी भारत में प्रतिबंधित इस पिस्टल से की गई है। कहा यह भी जा रहा है कि दोनों माफिया भाइयों ने पुलिस को आईएसआई एजेंट से हथियार मिलने की बात भी बताई थी। साथ ही अतीक ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ भी अपने संबंधों की बात स्वीकारी थी। इस पूरे घटनाक्रम में गुड्डू मुस्लिम का नाम भी सामने आ रहा है। गुड्डू भी उमेश पाल की हत्या के मामले में संदिग्धों में शामिल है। खबर है कि वह अतीक के बाद उत्तराधिकारी बनना चाहता था, लेकिन माफिया की पसंद उसका भाई अशरफ था। ऐसे में कहा जा रहा है कि दोनों भाइयों की हत्या में गुड्डू का हाथ भी हो सकता है।