होली के पांचवे दिन रंग पंचमी  का पर्व मनाया जाता है | ये पर्व चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को सेलिब्रेट होता है |रंगपंचमी का पर्व वैसे तो महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर की रंगपंचमी पूरे देश में प्रसिद्ध है | इस दिन इंदौर में बहुत बड़ा जुलूस निकलता है | इस जुलूस में लाखों की तादाद में लोग शामिल होते हैं और आसमान में गुलाल  उड़ाया जाता है | उड़ते रंग और गुलाल का ये दृश्य बहुत मनमोहक होता है | इस साल रंग पंचमी 2022 का पर्व 22 मार्च मंगलवार को मनाया जाएगा | ऐसे में यहां जानिए रंग पंचमी का महत्व और इस दिन से जुड़ी खास बातें |

ये है रंग पंचमी का महत्व

रंग पंचमी के दिन अबीर और गुलाल को आसमान की ओर फेंका जाता है | ये गुलाल उस दिन देवी देवताओं को अर्पित किए जाते हैं | मान्यता है कि रंग बिरंगे गुलाल की खूबसूरती देखकर देवता काफी प्रसन्न होते हैं और इससे पूरा वातावरण सकारात्मक हो जाता है | ऐसे में आसमान में फेंका गुलाल जब वापस लोगों पर गिरता है तो इससे व्यक्ति के तामसिक और राजसिक गुणों का नाश होता है, उसके भीतर की नकारात्मकता का अंत होता है और सात्विक गुणों में वृद्धि होती है |

राधा कृष्ण के पूजन का दिन

रंग पंचमी को राधा कृष्ण के पूजन का दिन माना जाता है और उन्हें अबीर और गुलाल अर्पित किया जाता है | कहा जाता है कि इससे व्यक्ति की कुंडली में मौजूद बड़े बड़े दोष भी समाप्त हो जाते हैं और जीवन प्यार से भर जाता है | इस दिन माता लक्ष्मी और श्रीहरि की पूजा का भी विधान है, इस कारण तमाम जगहों पर रंग पंचमी को श्रीपंचमी के नाम से भी जाना जाता है |

ऐसे करें पूजन

रंग पंचमी के दिन आप राधा कृष्ण या लक्ष्मी नारायण जिसकी भी पूजा करते हों, उनकी तस्वीर को उत्तर दिशा में एक चौकी पर रखें | चौकी पर तांबे का कलश पानी भरकर रखें | फिर रोली, चंदन, अक्षत, गुलाब के पुष्प, खीर, पंचामृत, गुड़ चना आदि का भोग लगाएं | भगवान को गुलाल अर्पित करें और आसन पर बैठकर श्रीं श्रीये नमःमंत्र का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें | विधिवत पूजन के बाद आरती करें और क्षमा याचना करें और उनसे परिवार पर कृपा बनाए रखने की प्रार्थना करें | कलश में रखे जल को घर के हर कोने में छिड़कें | जिस स्थान पर तिजोरी या धन रखने की व्यवस्था है, वहां जरूर छिड़कें | मान्यता है कि इससे घर में बरकत आती है |