हर साल ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का शुभ पर्व मनाया जाता है। इस साल गंगा दशहरा 9 जून, गुरुवार को है। इस दिन मां गंगा की पूजा-अर्चना का विधान है। इस दिन घर के मुख्य दरवाजे में द्वार पत्र लगाने की भी परंपरा है। इस दिन हर व्यक्ति को अपने घर के मुख्य दरवाजे पर द्वार पत्र लगाना चाहिए। मान्यता है कि द्वार पत्र लगाने से बहुत अधिक लाभ होता है। मां गंगा का उद्गम स्थान गंगोत्री, उत्तराखंड में है। गंगा दशहरा के पावन दिन उत्तराखंड के हर घर के मुख्य दरवाजे में द्वार पत्र लगाने की परंपरा है।

गंगा दशहरा 'द्वार पत्र' का महत्व- 'द्वार पत्र' लगाने से घर में नकारात्मकता शक्तियां प्रवेश नहीं कर सकती हैं। द्वार पत्र को घर में लगाने में घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। इन द्वारपत्रों को लगाने से घर पर प्राकृतिक आपदाओं का भय नहीं होता है।

जानें कैसा होना चाहिए द्वार पत्र- वर्गाकार कागज के टुकड़े पर वृताकार आकार में होते हैं जिसमें घेरे के चारों ओर त्रिभुजाकार डिजाइन बना होता है। कमल की पंखुरियों के समान और मध्य में भगवान श्री गणेश, मां गंगा, मां लक्ष्मी, श्री हनुमान और भगवान शंकर का चित्र बना होता है।