लंदन । निबिरू प्रलह को लेकर अक्‍सर तरह-तरह की खबरें आती हैं। दावा किया जा रहा है कि यह एक रहस्‍यमय ग्रह है, जो पृथ्‍वी से टकरा सकता है। इसके टकराने से ही पृथ्‍वी का अंत भी होगा। कहा जाता है निबिरू एक भटकता हुआ ग्रह है, जो पहले भी पृथ्‍वी के करीब आ चुका है।  अगली बार जब वहां पृथ्‍वी के पास आएगा तब वहां धरती से टकरा जाएगा और इससे भयंकर प्रलह होना तय है। एक लेख के अनुसार, यह अवधारणा साल 1995 में पहली बार सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया कि 21वीं सदी की शुरुआत में निबिरू ग्रह पृथ्‍वी से टकरा जाएगा। 
जैसे-जैसे हम 21वीं सदी में आगे बढ़ने लगे तब इन बातों को महज अटकलें और गलतफहमी बताकर खारिज कर दिया गया। साथ ही प्लैनेट एक्स के नाम से मशहूर सौर मंडल के नौवें ग्रह का अस्तित्व अनिश्चित बना हुआ है। वैज्ञानिक समुदाय से जुड़े लोगों के संदेह के बावजूद, निबिरू प्रलय के समर्थक लगातार अपनी चिंताएं व्यक्त करते रहते हैं। हर साल इस काल्पनिक घटना के कारण दुनिया के अंत की भविष्यवाणी की जाती है। जबकि वैज्ञानिक भारी बहुमत से यह निष्कर्ष निकालते हैं कि पृथ्‍वी से निबिरू ग्रह की विनाशकारी मुठभेड़ कभी नहीं होगी। 
इस बीच एक भौतिक वैज्ञानिक ने पहले ही स्वीकार कर लिया था कि इसके घटित होने की छोटी संभावना है। निबिरू या प्लैनेट-9 नाम प्राचीन सुमेरियन क्‍ले मिट्टी की पट्टियों से जुड़ा है, जो प्रारंभिक सौर मंडल के माध्यम से इसके अनुमानित प्रक्षेपवक्र का वर्णन करता है। माना जाता है कि यह फिर से गायब होने से पहले एस्टेरॉयड बेल्ट और पृथ्वी के निर्माण का कारण बना। प्रोफेसर रॉबर्ट मैथ्यूज ने 2018 में निबिरू के आसपास की आशंकाओं का सारांश दिया। उन्होंने सौर मंडल से परे भूरे बौने कहे जाने वाले विफल तारों के अस्तित्व को स्वीकार किया, लेकिन आश्वस्त किया कि इनमें से किसी एक वस्तु के साथ पृथ्‍वी का विनाशकारी टकराव होने की संभावना बेहद कम है।