दावोस । उद्योगपति नादिर गोदरेज ने कहा कि भारत में विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा तथा अन्य क्षेत्र कृत्रिम मेधा (एआई) के सही इस्तेमाल से नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं। यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे गोदरेज ने कहा कि भारत अपने नेट जीरो लक्ष्यों को समय सीमा से पहले हासिल कर सकता है क्योंकि देश जलवायु संबंधी मामलों पर सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। नेट जीरो का अर्थ है कि कोई देश वातावरण में कार्बन आधारित ग्रीनहाउस गैसों का जितना उत्सर्जन कर रहा है, उतना ही उसे सोख तथा हटा भी रहा है। यानी उसकी तरफ से वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों का योगदान न के बराबर हो। गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नादिर गोदरेज ने कहा कि एआई में प्रक्रियाओं को सर्वोत्तम बनाकर विभिन्न क्षेत्रों की मदद करने की काफी क्षमता है। इसे विघटनकारी के बजाय एक सुविधा प्रदाता के रूप में देखा जाना चाहिए। जलवायु परिवर्तन, संघर्ष, भू-राजनीतिक तथा भू-आर्थिक चिंताएं और एआई द्वारा उत्पन्न अवसर तथा खतरे सोमवार से शुरू पांच दिवसीय डब्ल्यूईएफ वार्षिक बैठक में चर्चा के प्रमुख विषयों में से हैं। गोदरेज ने कहा कि बैठक में जलवायु परिवर्तन, वैश्विक आर्थिक चिंताओं और संघर्ष आदि पर समाधान सामने आने की उम्मीद है।